बुरा ना मानो होली है


महासभा तो बस कुछ लोगों की टोली है
बुरा ना मानो होली है


नए नए, भांति भांति के ट्रस्ट बनाकर
भर रही अपनी झोली है
महासभा बस कुछ लोगों की टोली है
बुरा ना मानो होली है

अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे

युवाओं ने समाजबंधुओं ने जोर लगाया
समाज में एक नई चेतना जगाई है
अनजान बन बैठी है माहेश्वरी महासभा
जाग भी रही है या सो गई है


उम्मीद बनकर आया महासंघ
जैसे समाज का भाजपा
माहेश्वरी समाज की कॉंग्रेस पार्टी
बन गई है महासभा


सोशल मिडिया में तो
महासंघ जबरदस्त है
लेकिन महासभा की
चालों के आगे पस्त है


प्रेमसुखानन्द माहेश्वरी
सोशल मिडिया पर तो छाये हुए है
बाकि है अभी मुँह दिखाई
क्यों अमावस के चाँद बने हुए है


महामंत्री संदीप काबरा व्यस्त बड़े रहते है
हर दिन ढूंढ ढूंढ, देते है शुभकामनाएं...
कहीं भूल तो नहीं गए अपना असली काम
तो फिर क्यों ये समाज के काम ना आये


सोमनाथ की धरतीपर खूब बोली
जोर से बोली माहेश्वरी महासभा
प्री-वेडिंग फोटोशूट के बंदिश पर
अब बोलेंगे,
तब बोलेंगे, सोचते रहे लोग
लेकिन चुप्पी साध ली महासभा ने
समाज के असली मसलों पर


होली है भाई होली है
बुरा ना मानो होली है

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