माहेश्वरी समाज के 5152 वें स्थापना दिवस, महेश नवमी (11 जून 2019) के पावन अवसर पर पैठण में पाचोड फाटा पर नियोजित श्री महेश चौक का भूमिपूजन समारोह बड़े धूमधाम से और उत्साह के साथ संपन्न हुवा। इस समारोह में पैठण के विधायक संदीपानजी भुमरे, नगराध्यक्ष सूरजजी लोळगे, महाराष्ट्र प्रदेश माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष मधुसूदनजी गांधी, पैठण के समस्त माहेश्वरी समाजजन एवं शहर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
"पैठण", महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में परमपावन गोदावरी नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। इसका प्राचीन नाम 'प्रतिष्ठान' है। पैठण दक्षिण भारत के अति प्राचीन नगरों में से एक है। यह अति प्राचीन व्यापारिक और धार्मिक स्थान है। यह महाराष्ट्र के वारकरी सम्प्रदाय का तीर्थस्थल और प्रसिद्ध संत एकनाथ महाराज की जन्मभूमि है। पैठण के माहेश्वरी समाजजनों की दिली भावना थी की इस ऐतिहासिक पैठण नगरी में "श्री महेश चौक" होना चाहिए। समाजजनों के इस भावना का संज्ञान लेते हुए पैठण के माहेश्वरी समाज के युवा कार्यकर्ताओं ने, गणमान्य समाजबंधुओं और माहेश्वरी सभा के पदाधिकारियों ने इस कार्य के लिए कोशिश की, पैठण के विधायक संदीपानजी भुमरे ने माहेश्वरी समाजजनों की भावनाओं का आदर करते हुए इसमें विशेष सहयोग प्रदान किया जिसके चलते 11 जून, महेश नवमी के दिन पैठण के पाचोड फाटा पर इस नियोजित श्री महेश चौक का भूमिपूजन समारोह के बड़े धूमधाम से और उत्साह के साथ संपन्न हुवा।
इस कार्यक्रम के उद्घाटक विधायक भुमरे ने इस समय कहा की यह महेश चौक अति संदर, उत्कृष्ट और दर्जेदार बनाया जायेगा। यह चौक पैठण नगरी के सुंदरता और वैभव में अपनी एक अलग गौरवमय छाप छोड़ेगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष मधुसूदनजी गांधी ने अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए इस महेश चौक की संकल्पना को सराहा और पैठण के समस्त समाजजनों को और इस चौक के लिए विशेष परिश्रम करनेवाले सभी को धन्यवाद दिया। इस समारोह में प्रमुख अतिथि नगराध्यक्ष सूरजजी लोळगे, दूध संघ के उपाध्यक्ष नंदूअन्ना काळे, नाथ मंदिर के विस्वस्त दादा पा. बारे, पूर्व नगराध्यक्ष सोमनाथ दादा परदेशी, विनोदजी बोबले, अन्नाभाऊ लबडे, DYSP राठोडसाहेब, PI देशमुख साहेब, BDO भास्कर तात्या कुलकर्णी, बलिराम पा. औटे, CO जाधव साहेब, राजस्थान युवक मंडल के अध्यक्ष सुनिलजी बलदवा, औरंगाबाद जिला माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष रमेशजी दरक, राज मानधने, पडुळे साहेब, नामदेवजी खरात, उपअभियंता बोरकरसाहेब, कापसेसाहेब, साईनाथ सोलाट व समस्त माहेश्वरी परिवार, समाज बांधव, पदाधिकारी, मित्र परिवार आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
बहुत ही सराहनिय कार्य
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