Dr. Renu Khator, US citizen of Maheshwari origin, has been honored with 'Divy Vibhushan' award



Dr. Renu Khator, a resident of Houston (US), American citizen of Maheshwari origin, educationist and philanthropist, has been honored with 'Divy Vibhushan' award among the highest awards of Maheshwari society. She has been given this award under "Divy Awards 2018". This honor is conferred by Divyashakti Yogpeeth Akhara (Maheshwari Akhada) for distinguished and remarkable service performed by a Maheshwari person in any field.


माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च पुरस्कारों में से 'दिव्य विभूषण' सम्मान से ह्यूस्टन (अमेरिका) की निवासी, माहेश्वरी मूल की अमेरिकी नागरिक, शिक्षाविद व समाजसेवी डॉ. रेणु खटोर को सम्मानित किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार "दिव्य अवार्ड्स 2018" के अंतर्गत दिया गया है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में माहेश्वरी व्यक्ति द्वारा की गई विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए दिव्यशक्ति योगपीठ अखाड़ा (माहेश्वरी अखाड़ा) द्वारा प्रदान किया जाता है।

देखें link - Divy Awards 2018

दिव्य पुरस्कार माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च पुरस्कारों में से हैं। दिव्य पुरस्कार 3 श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं- दिव्यश्री, दिव्य भूषण, दिव्य विभूषण। माहेश्वरी अखाड़ा द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिए जानेवाले माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च सम्मान 'माहेश्वरी रत्न’ के बाद क्रमशः चौथे, तीसरे और दूसरे स्थान पर दिव्यश्री, दिव्य भूषण और दिव्य विभूषण यह श्रेष्ठ पुरस्कार है। इस सम्मान में एक पदक और प्रशस्ति पत्र (सम्मान पत्र) दिया जाता है। यह पुरस्कार महेशाचार्य द्वारा प्रदान किया जाता है जो की माहेश्वरी समाज के शीर्ष धार्मिक-आध्यात्मिक प्रबंधन संस्था "दिव्यशक्ति योगपीठ अखाड़ा" के पीठाधिपति होते है।

भारत के अति प्राचीन शहर पैठण में "श्री महेश चौक" का भूमिपूजन संपन्न


माहेश्वरी समाज के 5152 वें स्थापना दिवस, महेश नवमी (11 जून 2019) के पावन अवसर पर पैठण में पाचोड फाटा पर नियोजित श्री महेश चौक का भूमिपूजन समारोह बड़े धूमधाम से और उत्साह के साथ संपन्न हुवा। इस समारोह में पैठण के विधायक संदीपानजी भुमरे, नगराध्यक्ष सूरजजी लोळगे, महाराष्ट्र प्रदेश माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष मधुसूदनजी गांधी, पैठण के समस्त माहेश्वरी समाजजन एवं शहर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

"पैठण", महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में परमपावन गोदावरी नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। इसका प्राचीन नाम 'प्रतिष्ठान' है। पैठण दक्षिण भारत के अति प्राचीन नगरों में से एक है। यह अति प्राचीन व्यापारिक और धार्मिक स्थान है। यह महाराष्ट्र के वारकरी सम्प्रदाय का तीर्थस्थल और प्रसिद्ध संत एकनाथ महाराज की जन्मभूमि है। पैठण के माहेश्वरी समाजजनों की दिली भावना थी की इस ऐतिहासिक पैठण नगरी में "श्री महेश चौक" होना चाहिए। समाजजनों के इस भावना का संज्ञान लेते हुए पैठण के माहेश्वरी समाज के युवा कार्यकर्ताओं ने, गणमान्य समाजबंधुओं और माहेश्वरी सभा के पदाधिकारियों ने इस कार्य के लिए कोशिश की, पैठण के विधायक संदीपानजी भुमरे ने माहेश्वरी समाजजनों की भावनाओं का आदर करते हुए इसमें विशेष सहयोग प्रदान किया जिसके चलते 11 जून, महेश नवमी के दिन पैठण के पाचोड फाटा पर इस नियोजित श्री महेश चौक का भूमिपूजन समारोह के बड़े धूमधाम से और उत्साह के साथ संपन्न हुवा।

इस कार्यक्रम के उद्घाटक विधायक भुमरे ने इस समय कहा की यह महेश चौक अति संदर, उत्कृष्ट और दर्जेदार बनाया जायेगा। यह चौक पैठण नगरी के सुंदरता और वैभव में अपनी एक अलग गौरवमय छाप छोड़ेगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष मधुसूदनजी गांधी ने अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए इस महेश चौक की संकल्पना को सराहा और पैठण के समस्त समाजजनों को और इस चौक के लिए विशेष परिश्रम करनेवाले सभी को धन्यवाद दिया। इस समारोह में प्रमुख अतिथि नगराध्यक्ष सूरजजी लोळगे, दूध संघ के उपाध्यक्ष नंदूअन्ना काळे, नाथ मंदिर के विस्वस्त दादा पा. बारे, पूर्व नगराध्यक्ष सोमनाथ दादा परदेशी, विनोदजी बोबले, अन्नाभाऊ लबडे, DYSP राठोडसाहेब, PI देशमुख साहेब, BDO भास्कर तात्या कुलकर्णी, बलिराम पा. औटे, CO जाधव साहेब, राजस्थान युवक मंडल के अध्यक्ष सुनिलजी बलदवा, औरंगाबाद जिला माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष रमेशजी दरक, राज मानधने, पडुळे साहेब, नामदेवजी खरात, उपअभियंता बोरकरसाहेब, कापसेसाहेब, साईनाथ सोलाट व समस्त माहेश्वरी परिवार, समाज बांधव, पदाधिकारी, मित्र परिवार आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।



माहेश्वरी अखाड़ा ने की 2018 के दिव्य पुरस्कारों की घोषणा

माहेश्वरी अखाड़ा के मुताबिक 20 माहेश्वरीयों को इन पुरस्कारों के लिए चुना गया है जिनमें से 2 को दिव्य विभूषण, 6 को दिव्य भूषण और 12 को दिव्यश्री से सम्मानित किया जाएगा. दिव्य पुरस्कार पाने वालों में 8 महिलाएं हैं. दिव्य पुरस्कारों के विजेताओं में 2 विदेशी माहेश्वरी व्यक्ति भी शामिल हैं. चयन समिति के अध्यक्ष एस. बी. लोहिया ने बताया की इस वर्ष के पुरस्कारों के लिए 550 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे.

दिव्य पुरस्कार विजेताओं की सूची -

दिव्य विभूषण पुरस्कार विजेता - 2018
1. रेणू खटोड़ (अमेरिका) - शिक्षा और सामाजिक कार्य,
2. श्री श्यामसुन्दरजी सोनी (महाराष्ट्र) - सामाजिक कार्य एवं संगठन के पदाधिकारी के रूप में उकृष्ट कार्य

दिव्य भूषण पुरस्कार विजेता - 2018
1. पलक मुछाल (मध्यप्रदेश) - कला एवं सामाजिक कार्य,
2. निकिता चांडक (नेपाल) - मिस नेपाल-2017,
3. श्री श्यामजी जाजू (देहली) - सामाजिक कार्य,
4. स्मृति मानधना (महाराष्ट्र) - खेल (क्रिकेट),
5. श्री महेशजी राठी (महाराष्ट्र) - सामाजिक कार्य एवं पर्यावरण,
6. श्री जुगलकिशोरजी बिड़ला (राजस्थान) - सामाजिक कार्य

दिव्यश्री पुरस्कार विजेता - 2018
1. श्री संजयजी मालपानी (महाराष्ट्र) - उद्योग एवं सामाजिक कार्य,
2. श्री राधेश्यामजी साबु  (मध्यप्रदेश) - समाजसेवा,
3. नम्रता करवा (राजस्थान) - कला (आध्यात्मिक गायिका / भजन सिंगर),
4. श्री ओमजी चांडक (राजस्थान) - सामाजिक कार्य,
5. रितु माहेश्वरी (उत्तरप्रदेश) - लोक सेवा (सिविल सर्विस), 
6. श्री विपिनजी माहेश्वरी (मध्यप्रदेश) - लोक सेवा (सिविल सर्विस),
7. श्री किकू शारदा (महाराष्ट्र) - कला (अभिनय),
8. श्री पुष्करजी बाहेती (मध्यप्रदेश) - पत्रकारिता,
9. श्री शरदजी बागड़ी (महाराष्ट्र) - लेखक एवं पत्रकारिता,
10. श्री मोहितजी सोडानी (राजस्थान) - खेल (ड्राप रो बॉल एवं क्रिकेट),
11. साक्षी चितलांगे (महाराष्ट्र) - खेल (चेस),
12. श्रद्धा मूंदड़ा लड्डा (महाराष्ट्र) - योगा.

क्या है दिव्य पुरस्कार

दिव्य पुरस्कार माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक है. यह माहेश्वरी समाज के अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार है. दिव्य पुरस्कार 3 श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं- दिव्यश्री, दिव्य भूषण, दिव्य विभूषण. माहेश्वरी अखाड़ा द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिए जानेवाले माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च सम्मान 'माहेश्वरी रत्न’ के बाद क्रमशः चौथे, तीसरे और दूसरे स्थान पर दिव्यश्री, दिव्य भूषण और दिव्य विभूषण यह श्रेष्ठ पुरस्कार है.

दिव्य पुरस्कार आम तौर पर सिर्फ माहेश्वरीयों कों दिए जाने वाले सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, अध्यात्म, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिए जाते है. इस सम्मान में एक पदक और प्रशस्ति पत्र (सम्मान पत्र) दिया जाता है. यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिसंबर माह में घोषित किये जाते है तथा सामान्यतः मार्च/अप्रैल/मई माह में महेशाचार्य द्वारा प्रदान किये जाते हैं.


Divy Bhushan Shri Mahesh Ji Rathi

राममंदिर आंदोलन के प्रथम शहीद कोठारीबंधुओं पर माहेश्वरी समाज को गर्व


जोधपुर में 5 जनवरी 2019 से दो दिवसीय "अंतरराष्ट्रीय माहेश्वरी महाअधिवेशन" होने जा रहा है. माहेश्वरी अखाड़े के पीठाधिपति महेशाचार्य प्रेमसुखानन्दजी माहेश्वरी महाराज ने माहेश्वरी महाअधिवेशन के आयोजकों एवं वहां उपस्थित समाजजनों से आवाहन किया है की अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के बारेमें माहेश्वरी समाजभावना को दर्शाने के लिए इस माहेश्वरी महाअधिवेशन में समस्त माहेश्वरी समाज की ओरसे "राम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करें सरकार, जल्द से जल्द बने राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर" ऐसा प्रस्ताव पारित किया जाये. 

माहेश्वरी वीर सपूतों राम कोठारी और शरद कोठारी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनाने के आंदोलन में जान का बलिदान देकर समस्त माहेश्वरी समाज को गौरवान्वित किया, राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के समस्त रामभक्तों एवं हिन्दू समाजजनों के सपने को, संकल्प को साकार करने की कोशिश में अपनी जान का बलिदान दिया. समस्त हिन्दू समाज का वो सपना अभी भी साकार नहीं हुवा है. माहेश्वरीरत्न कोठारीबंधुओं के सपने को साकार करने के संकल्प के साथ जोधपुर में होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय माहेश्वरी महाअधिवेशन में राम मंदिर आंदोलन के प्रथम शहीद माहेश्वरीरत्न कोठारीबंधुओं को, उनके कार्य को, उनके बलिदान को याद करते हुए इस पुरे अधिवेशन में मंच पर कोठारीबंधुओं की प्रतिमा रखी जाये तथा उन्हें समस्त माहेश्वरी समाज की ओरसे श्रद्धांजलि समर्पित की जाये ऐसी भावना व्यक्त करते हुए "सरकार जल्द से जल्द राम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करें" ऐसा प्रस्ताव पारित करने का आवाहन भी महेशाचार्य प्रेमसुखानन्दजी ने किया है.