कपासन कव्हर स्टोरी: कपासन जिला चित्तौड़गढ़ में चल रहे माहेश्वरी समाज के खिलाफ नगर पालिका अध्यक्ष दिलीप व्यास द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर आंदोलनरत माहेश्वरी समाज के प्रतिनिधियों एवं नगर पालिका अध्यक्ष दिलीप व्यास के मध्य कपासन विधायक अर्जुनलाल जी जीनगर की उपस्थिति में आज वार्ता हुई जिसके पश्चात कपासन में सेठ जी की बगीची में चल रही भागवत कथा के समारोह में पालिका अध्यक्ष दिलीप व्यास ने श्रीमद्भागवत को साक्षी मानते हुए सर्व समाज के मध्य माहेश्वरी समाज के लिए अपनी टिप्पणी के लिए एवं उनकी टिप्पणी से माहेश्वरी समाज की जो भावनाएं आहत हुई उसके लिए खेद प्रकट किया, ग्रन्थ पर हाथ रखकर माफ़ी मांगी एवं कथा मे विधायक अर्जुनलाल जीनगर के सानिध्य में माहेश्वरी समाज को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा भविष्य में इस प्रकार की टिप्पणी न तो माहेश्वरी समाज के लिए की जाएगी और ना ही किसी अन्य समाज के लिए की जाएगी ! साथ ही उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि वह भविष्य में माहेश्वरी समाज के साथ सहयोग की भावना के साथ कार्य करेंगे ! इसके पश्चात वहा उपस्थित माहेश्वरी समाज के सभी प्रतिनिधियों ने पिछले कई दिनों से चल रहे आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की है.
कपासन में एक शासकीय मीटिंग के दौरान कपासन नगरपालिका के अध्यक्ष दिलीप व्यास ने माहेश्वरी समाज के लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए माहेश्वरी समाज को अपमानित किया. इस घटना की जानकारी मिलते है कपासन माहेश्वरी समाज ने दिलीप व्यास पर कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन शुरू किया. स्थानीय समाजबंधुओं ने निषेध मोर्चा निकाला. समाजजनों की भावनाये इतनी ज्यादा आहत थी की आमतौर पर माहेश्वरी समाज की माता-बहनें आंदोलन में उतरती नहीं है लेकिन इस घटना में समाज की माता-बहनों ने सड़क पर उतरकर अपना रोष प्रकट किया.
यह अपमान सिर्फ कपासन के माहेश्वरी समाज का अपमान नहीं है बल्कि समस्त माहेश्वरी समाज का अपमान है और कपासन में माहेश्वरी समाज के आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ रहे समाजबंधुओं को देशभर से समर्थन देने तथा इस घटना के दोषियों पर कार्रवाई करने और समाज के रोष की बात प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तक पहुँचाने के लिए माहेश्वरी महासंघ के संरक्षक प्रेमसुखानंद माहेश्वरी महाराज ने सोशल मिडिया पर अभियान चलाने का निर्देश दिया. माहेश्वरी महासंघ के आवाहन पर सोशल मिडिया पर समाजबंधुओं ने और खासकर युवाओं ने आगे आकर, बढ-चढ़कर इस आंदोलन को चलाया, इस आंदोलन को आगे बढ़ाया. पाक्षिक 'माहेश्वरी एकता' के उपसंपादक माणकचंद तोषनीवाल ने सीधे दिलीप व्यास को फोन लगाकर फटकारने और दिलीप व्यास द्वारा बार बार माहेश्वरी समाज को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ समाज बताते हुए माफ़ी माँगनेवाली ऑडिओ क्लिप भी माहेश्वरी समाज में सोशल मिडिया पर खूब वायरल हुई. आखिर सभी समाजबंधुओं की मेहनत रंग लाई और दिलीप व्यास को फोन पर भी कई बार और सार्वजनिक रूप से भी माफ़ी मांगनी पड़ी.
आम समाजबंधुओं ने यह लड़ाई अपने दम पर लड़ी और जीती लेकिन इस घटनाक्रम में माहेश्वरी समाज के सबसे बड़े संगठन तथा राष्ट्रिय स्तर पर माहेश्वरी समाज का नेतृत्व करने का दावा करनेवाले अ. भा. माहेश्वरी महासभा की और उनके बड़े पदाधिकारियों की चुप्पी समाज में चर्चा का विषय रही. माहेश्वरी महासभा द्वारा समाज के हुए अपमान का निषेध तक नहीं करना, कार्रवाई की मांग नहीं करना, कपासन के समाजबंधुओं के साथ खड़े ना होना इन बातों को लेकर देशभर के समाजबंधुओं में आश्चर्य और नाराजगी दिखाई दे रही है. माहेश्वरी महासभा द्वारा समाज का नेतृत्व किये जाने के उनके दावे पर समाजबंधु सवाल उठाते दिखे.
कपासन माहेश्वरी समाज ने माहेश्वरी समाज के गौरव की यह लड़ाई पुरे शिद्दत से लड़ी और जीती. उपरोक्त प्रकरण में देशभर के समस्त माहेश्वरी समाज एवं समाजबंधुओं ने अपने अपने तरीके से कपासन माहेश्वरी समाज का भरपूर सहयोग और समर्थन किया, माहेश्वरी महासंघ ने 'कपासन माहेश्वरी समाज' का, और इस प्रकरण में कपासन माहेश्वरी समाज का साथ देनेवाले देशभर के सभी समाजबंधुओं का बहुत बहुत अभिनन्दन किया है, धन्यवाद किया है.